ऊष्मागतिकी (Thermodynamics) मुख्यतः वस्तुओं के मध्य उष्मीय ऊर्जा के आदान-प्रदान अध्ययन है इसमें ऊष्मा की यांत्रिक ऊर्जा मैं परिवर्तन एवं यांत्रिक ऊर्जा का पूछनी उर्जा में परिवर्तन का भी अध्ययन किया जाता है।
ऊष्मागतिकी नियम (Thermodynamic System)
निश्चित संख्या में घिरे अत्यधिक संख्या में परमाणु एवं अणु का समूह जिसका दाव (P) आयतन (V) एवं ताप हो ऊष्मागतिकी या निकाय कहलाती है। निकाय के बाहर संपूर्ण स्थान जिसमें उर्जा एवं द्रव्य का आदान-प्रदान हो सकें। उसे निकाय का वातावरण कहते हैं वातावरण एवं निकाय के बीच आदान-प्रदान के आधार पर ऊष्मागतिकी निकाय तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है।
ऊष्मागतिकी नियम तीन प्रकार के होते है।
- खुला निकाय (Open System)
- बंद निकाय (Close System)
- विलगित निकाय (Isolated System)
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खुला निकाय (Open System) : वह निकाय जिसमें वातावरण के साथ ऊर्जा एवं द्रव दोनों का आदान-प्रदान हो सकें, खुला निकाय कहलाता है।
बंद निकाय (Close System) : वह निकाह जिसने वातावरण के साथ केवल ऊर्जा (द्रव्य नहीं) का आदान-प्रदान हो सकें, बंद निकाय कहलाता है।
विलगित निकाय (Isolated System) : वह निकाह जिसमें वातावरण के साथ न ऊर्जा न ही द्रव्यमान आदान-प्रदान हो सकें, विलगित निकाय कहलाती है।
ऊष्मागतिकी का शून्य नियम? (Zeroth law of Thermodynamics)
यदि दो निकाय (B and C) किसी तीसरे निकाय (A) से अलग अलग उष्मीय साम्यावस्था में होंगे।

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Equation of State for Ideal Gases
निकाय के ऊष्मागतिकी चरों (P, V, T) के मध्य संबंधों को अवस्था समीकरण कहते हैं। N मोल की आदर्श गैस के लिए समीकरण निम्न है।
PV = nRT,
गैस द्वारा किया गया कार्य (Work Done by a Gas)
माना गैस का दावा आयतन क्रमशः P व V है यदि A पिस्टन का क्षेत्रफल हो तो गैस द्वारा पिस्टन पर आरोपित बल F = P × A
माना पिस्टन विस्तार के दौरान एक सूची दूरी dx चतला है। सूचना दूरी dx में किया गया कार्य = F dx = PA Dx चूकि A dx = P DV
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