विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम क्या है। अगर आप विद्युत विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम (Electromagnetic Spectrum) के बारे में जानना चाहते हैं। तो आप सही जगह पर आए हैं। आज हम आपको इस पोस्ट में Publicgyan.in के माध्यम से सारी जानकारी उपलब्ध कराने वाले हैं।
विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम छह प्रकार की होती हैं जिसे हमने नीचे स्टेप बाय स्टेप बताएं हैं।
- रेडियो तरंगे
- सूचना तरंगे
- अवरक्त अथवा उष्मीय तरंगें
- दृश्य तरंगे (ROYGBIV)
- पराबैगनी किरणे
- X- किरणे Y- किरणे
नोट – दृश्य प्रकाश विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम का भाग होता है जिसे हम देख सकते हैं प्रकाश का अध्ययन दो भागों में किया जाता है।
- किरण प्रकाशिकी
- तरंग प्रकाशिकी
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Wave Front (तरंगाग्र किसे कहते हैं)
- तरंगाग्र उन कणों का रेखापथ पत्र होता है जिनकी कला समान होती है।
- तरंगाग्र के संचरण की दिशा तरंगाग्र के लम्बवत् होती है।
- तरंगाग्र का प्रत्येक कण एक नए स्रोत की तरह कार्य करता है तथा उसे द्वितीयक तरंगीकाए कहते हैं।
तरगायों की आकति स्त्रांत पर निर्भर करती है।
विन्दु स्त्रोत – गोलीय तरंगाग्र
सुदूर (Distant) समान्तर किरणे – समतल तरंगाग्र
रेखीय स्त्रोत – बेलनाकार तरंगाग्र

ऊर्जा के निम्नतम तरंग दैर्ध्य से लेकर उच्चतम तरंग दैर्ध्य तक प्रकृति में विद्यमान चुंबकीय विकिरण का परास जिसमें रेडियो तरंगें, अवरक्त प्रकाश, अदृश्य प्रकाश, पराबैंगनी प्रकाश, एक्स-रे एवं गामा-किरणें शामिल हैं।


कला संबंध स्रोत
यदि किसी निश्चित बिंदु पर दो स्रोत के कारण कालांतर के साथ नियत रहता है तब उन दोनों स्रोतों को कला संबंध स्रोत कहते हैं।
टिप्पणी : समान तरंगाग्र पर स्थित सभी स्रोत कला संबंध स्रोत होते हैं क्योंकि उनका कालांतर = 0 होता हैं ।
